बुधवार, 17 अगस्त 2011

अन्ना की गिरफ्तारी और रिहाई 


कल का घटनाक्रम में अन्ना  की गिरफ्तारी कोई आश्चर्यजनक नहीं था. अगर कुछ आश्चर्यजनक था तो सत्ता के जोकों की घबराहट और व्यवस्था की चरमराहट . देर शाम अन्ना  की रिहाई की घोषणा की गयी . परन्तु अन्ना के जेल से बाहर तब तक न निकालने का फैसला जब तक उन्हें समर्थकों के साथ जे पी पार्क में अनशन करने की अनुमति न मिले. यह सत्ता को और मुश्किल में ड़ाल दिया है .
यह विचार अन्ना जैसे परिपक्व और जनता के विचारो के समझाने वाले व्यक्तित्व के मष्तिष्क में ही आ सकता है.



                             राजीव रंजन चौधरी

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इच्छाएँ

  जय गुरुदेव , एक से अनेक होने की इच्छा से उत्पन्न जीवन में इच्छाएँ केवल और  केवल सतही हैं। गहरे तल पर जीवन इच्छा रहित है। धन्यवाद