जय गुरुदेव,
एक से अनेक होने की इच्छा से उत्पन्न जीवन में इच्छाएँ केवल और
केवल सतही हैं। गहरे तल पर जीवन इच्छा रहित है।
धन्यवाद
जय गुरुदेव , एक से अनेक होने की इच्छा से उत्पन्न जीवन में इच्छाएँ केवल और केवल सतही हैं। गहरे तल पर जीवन इच्छा रहित है। धन्यवाद