रविवार, 10 सितंबर 2023

दूसरे की गलतियां

 

 दूसरे की गलतियों को क्षोभपूर्ण व्यक्त करना नकारात्मकता है, इस 

प्रक्रिया में कहने वाले और सुनने वाले दोनों ही व्यथित हो जाते हैं।

दूसरे द्वारा अव्यवस्थित की गई चीज़ों को बिना उसे बताये व्यवस्थित 

करना उत्तम, वैसे ही छोड़ देना मध्यम तथा क्षोभपूर्वक उसे व्यक्त 

करना नीच भाव है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

इच्छाएँ

  जय गुरुदेव , एक से अनेक होने की इच्छा से उत्पन्न जीवन में इच्छाएँ केवल और  केवल सतही हैं। गहरे तल पर जीवन इच्छा रहित है। धन्यवाद