रविवार, 10 सितंबर 2023

जख्म मेरा

 

जुदा तो हो ही जाओगे।


होके जुदा बहुत रोओगे।

अभी टटोल रहे हो जख्म मेरा।

घर जाकर हाथ कई बार धोओगे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

इच्छाएँ

  जय गुरुदेव , एक से अनेक होने की इच्छा से उत्पन्न जीवन में इच्छाएँ केवल और  केवल सतही हैं। गहरे तल पर जीवन इच्छा रहित है। धन्यवाद