खुद की तलाश में..........
सपनों के अभाव से उत्पन्न हुए खालीपन को सेक्स, सम्पत्ति, संगति
और/अथवा शोहरत कदापि नहीं भर सकते।
जय गुरुदेव , एक से अनेक होने की इच्छा से उत्पन्न जीवन में इच्छाएँ केवल और केवल सतही हैं। गहरे तल पर जीवन इच्छा रहित है। धन्यवाद
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